भारत में धन और समृद्धि को केवल मेहनत का परिणाम नहीं माना जाता, बल्कि यह दैविक कृपा और सकारात्मक ऊर्जा से भी जुड़ी मानी जाती है। जब भक्ति, विश्वास और कर्म एक साथ चलते हैं, तब व्यक्ति का जीवन आर्थिक रूप से भी उन्नत होता है। आज हम जानेंगे कुछ ऐसे आध्यात्मिक उपाय, जिनसे धन-संपन्नता और वित्तीय स्थिरता प्राप्त की जा सकती है।
श्री लक्ष्मी यंत्र को माँ लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। यह यंत्र घर या ऑफिस के पूजा-स्थल में स्थापित करने से धन आकर्षण की ऊर्जा को बढ़ाता है।
विधि:
शुक्रवार या पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद शुद्ध आसन पर बैठें।
यंत्र को गंगाजल से शुद्ध करें और लाल कपड़े पर रखें।
दीपक जलाकर “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जप करें।
लाभ: आर्थिक स्थिति में सुधार, धन की स्थिरता और अवसरों में वृद्धि।
कुबेर देव को धन के देवता कहा जाता है। कुबेर यंत्र या कुबेर मूर्ति की पूजा से व्यापार और नौकरी में लाभ होता है।
मंत्र:
“ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥”
विधि:
बुधवार या शुक्रवार को यंत्र स्थापित करें।
पूजा में पीली सरसों, गुड़ और चावल का उपयोग करें।
प्रतिदिन दीपक जलाएं और मंत्र का 21 बार जप करें।
कुछ वस्तुएँ ऐसी मानी जाती हैं जो घर में धन की ऊर्जा को आकर्षित करती हैं:
| वस्तु | महत्व | स्थापना स्थान |
|---|---|---|
| गोमती चक्र | माँ लक्ष्मी का रूप माना जाता है | तिजोरी या पूजा-घर में रखें |
| कौड़ी (सफ़ेद या पीली) | धन का प्रवाह बनाए रखती है | धन स्थान पर रखें |
| श्रीयंत्र | धन और सुख-समृद्धि का सबसे शक्तिशाली यंत्र | पूर्व दिशा में रखें |
| मोर पंख | नकारात्मक ऊर्जा दूर करता है | मुख्य दरवाजे या पूजा-स्थल पर लगाएँ |
लक्ष्मी मंत्र
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः॥”
? प्रभाव: मन-वांछित धन और समृद्धि की प्राप्ति।
कुबेर मंत्र
“ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं कुबेराय नमः॥”
? प्रभाव: व्यापार में वृद्धि, धन-लाभ के नए अवसर।
धन-वृद्धि बीज मंत्र
“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नमः॥”
? प्रभाव: मानसिक शांति के साथ आर्थिक विकास।
घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) को हमेशा साफ़ और प्रकाशमान रखें — यह धन की दिशा मानी जाती है।
नियमित रूप से माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु की आराधना करें।
प्रत्येक शुक्रवार को घर में कमल का फूल और सुगंधित दीपक जलाएँ।
रोज़ कम से कम 10 मिनट धन-सिद्धि ध्यान करें — जिसमें आप अपने जीवन में आने वाले अवसरों की कल्पना करें।
किसी भी आध्यात्मिक उपाय का सबसे बड़ा रहस्य "सद्कर्म" और "दान" है।
अपनी आय का एक छोटा भाग नियमित रूप से गरीबों, गौशाला या मंदिर में दान करें।
यह न केवल पुण्य देता है बल्कि धन के प्रवाह को भी संतुलित रखता है।
धन प्राप्ति के लिए केवल कर्म ही नहीं, सकारात्मक ऊर्जा और आस्था का भी उतना ही महत्व है। जब मन में श्रद्धा हो, विचार शुद्ध हों और कर्म सही दिशा में हों — तब यंत्र, मंत्र और पूजा-वस्तुएँ केवल माध्यम बन जाती हैं उस ऊर्जा को सक्रिय करने का।